तुम्हारी बाँहो का वो मजबूत सहारा
फिर से याद आता है...
क्यों नहीं थे तुम? ये देखने के लिए
की तुम्हारा छोटू भी आज
स्कूल से विदा हो रहा है..
क्यों नहीं थे तुम उसे
बड़ा होता देखने के लिए..
काश आज तुम अपने हाथो से
उसे टाई बाँधकर उसे बड़ा होने का
अहसास कराते...
संतु
फिर से याद आता है...
क्यों नहीं थे तुम? ये देखने के लिए
की तुम्हारा छोटू भी आज
स्कूल से विदा हो रहा है..
क्यों नहीं थे तुम उसे
बड़ा होता देखने के लिए..
काश आज तुम अपने हाथो से
उसे टाई बाँधकर उसे बड़ा होने का
अहसास कराते...
संतु
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